Monday, April 20, 2009

नेपाल रल्वेक दुरावस्था आ सरकारक कानमे तेल



महेन्द्र कुमार मिश्र

हमरा सब जकाँ भूपरिवेष्ठित मुलुकमे यातायातक चारि प्रणली मध्ये जल मार्गक विकाशकेँ कल्पना तत्काल केनाई सम्भव नहि । वायुमार्ग अति महग यातायातक साधन भेलाक कारणे आम नेपाली जनता, सर्वसाधारणकलेल सम्भव नहि अछि । सडक मार्ग आशा अनुरुप्नहियो होइत बहुतहद धरि निर्माणक पूर्वाधार तैयार करबाक चेष्टा अवश्य कऽलेलगेल अछि । अूदा विडम्वना केहन, विश्वक सबसँ सस्त, आरामदामयी, सुरक्षित एवं लोकप्रिय यातायात रेल्वेसेवा प्रणाली नेपालसँ विस्थापित होयबाक अवस्थामे अछि ।
इन्टरनेट एवं कम्प्युटरक युगमे जनसँख्याक वृद्धि भऽरहल अवस्थामे एकठामसँ दोसर ठाम शीघ्रातिशिघ्र पहँुचवाक आतुरता, ताहिक लेल रेलसेवा सनक आरामदायी आ सुरक्षित आधुनिक प्राविधिक सुसम्पन्न रेल मार्ग उपेक्षित एवं लावारीश अवस्थामे अछि ।

अखनो सँसारक दूर्लभ ईन्जन मार्टिनवर्नद्धारा निर्मित न्यारेगेज रेल्वे ईन्जन नेपालमे उपलब्ध अछि, मूदा संचालनमे नहि अछि । बेलायती शासनकालक रेल्वे ईन्जनसन १९३७, वित्रmम संवत१९९४ साल सँ संचालित सेवा आई पूर्णरुपेण उपेक्षित बनल अछि । बहुतो नेपाली जनताकेँ जानकारी नहि हैतनि जे नेपालोमे रेल संचालनमे छैक ।१९९०मे सर्वप्रथम सर्भे कऽ १९९२ सँ निर्माण काज प्रारम्भभेल विदेशकलेल काठ ढुवानीमे प्रयोग कायलगेल, जखन नेपालक हरियोवन समाप्त होबऽलागल तत्पश्चात ई रेल सेवा मानव सेवामे प्रयोग होवऽलागल ।

आजुक परिवर्तित अवस्थामे आवागमनक साधनकेँ रुपमे स्थापित भेल आजुक परिवर्तित अवस्थामे आवागमनक साधनकेँरुपमे स्थापित भेल । वैज्ञानिक युगमे अन्य विकशित देश अचम्भित सवकाश कएलक, भारतमे आजुक दिन सबसँ पैघ रेले मन्त्रालय छैक । भारतक आर्थिक् रीढक रुपमे रेल्वे स्थापित अछि । जापान, प्रmान्स आदि देशक रेल सेवामें आश्चर्यजनक प्रगति कएलक अछि ।
एक घण्टामे ४०० किलो मिटरक दूरी तय करैत अछि । भारतमे वेलायति साम्राज्यद्धारा रेलसेवा प्ररम्भ आ विस्तार भेल । प्रय ओही समय वि.सं. १९९४मे युद्ध शम्शेरक शासनकालमे नेपाल सरकार रेल्वे( एन.जे.जे.आर.) नेपाल जनकपुर जयनगर रेलसेवा आ (एन.जी. आर.) भारतक रक्सौल होइत वीरगँज अमलेखगँज तक साचालित रहै, मूदा बहुत पहिने सँ सेवा बन्द अछि । आब मात्र ५१ कि.मि. मार्ग जयनगर विजलपुरा सँचालित सेवा जनकपुर सा विजलपुरा, २०५९ साल अषाढ २३ गते आएल भिषण बाढिक प्रकोप सँ बिग्धी नदी पुल क्षतिग्रस्त भेने यहो रेल सेवा पूर्णरुपेण बन्द भऽ २९ कि.मि.मे मात्र सिमीत अछि ई सेवा । सरकारक अकर्मन्यता, लापरवाही तथा उपेक्षाक कारणे लोहाक लीक माटि सँ भरल अछि, घासपात जनमिगेल अछि, ठाम ठाम निर्मित यात्री प्रतिक्षालय सेहो ध्वस्त भऽरहल अवस्था छैक ।
रेलक जमीन सब सेहो अतित्रmमण मात्र नहि लिकेपर तरकारी बजार छानल गेल अछि, मूदा सरकार आ सम्बन्धित निकाय रेल प्रशासनक ध्यान एम्हर नहि देखल जा रहल अछि । वेर वेर जानकारी आ तथादा कएलाक बादो कोनो सुनवाइ नहि भऽरहल जनताक सिकायत रहल अछि ।

देशक ऐतिहासिक धरोहर एवं तराई मात्र नहि नेपालक गौरव रेलसेवा जीर्ण अवस्थामे अछि । बुमmना जाइत अछि जे यहि सेवाकलेल कोनो मायबाप नहि रहल । अखन धनुषा महोत्तरी धरि ई रेलसेवा सँचालित भेल अवस्थामे एहि मार्ग सँ जतेक यात्री आवत जावत करैत छल ताही अनुपातमे आन कोनो यातायात एवं सवारी साधन सा आवत जावत नहि होइत अछि जकर सत्य तथ्य यात्रीक सँख्या सँ पुष्टी होइत अछि । पर्यटनक युगमे रेलसेवा एनो उपेक्षित रहल ताहिसँ तराईवासीके जनमानसमे केहन भावना उत्पन्न हायत ?

असमान भेदवाभ सँ ग्रसीत मानल जाए की नहि ? आई जौं एहन छोट समस्या पहाड मे रहितै तहन की एहीना उपेक्षित रहैत रेल सेवा ? जनकपुरधाम धार्मिक् स्थल तथा पर्यटनकलेल आवऽबला यात्री मध्ये सर्वाधिक भारतिीय नागरिक रहैत अछि, एकदिनमे कमसँ कम पाँच छौ हजारक सँख्यामे यात्री आवत जावत करैत अछि । दूर्भाग्यवस महोत्तरी जिल्लाक मध्य क्षेत्रमे एकमात्र यातायातक साधन रेले अछि, ओहो अखन बन्द अछि । अन्य यातायातक सुविधा नइ रहल क्षेत्रक ई सेवा वन्द भेने जनजीवन कतेक प्रभावित हेतै तकर अनुमान सहजहिँ कायल जा सकैया ।

अशत्तm विमारी, उद्योगव्यापार, दैनिकजीवनक उपभोग सामग्रीक आभाव तथा त्रmय वित्रmयक समस्या सा एम्हरके जनमानस बहुत प्रभावित भेल अछि । प्राय प्रत्येकदिनक ई समस्याकेँ कारण रेलसेवा अभिषाप सिद्ध भऽरहल अछि । नयाँ नेपालक निर्मा०ँम्ै ज्ू६ल् द्यल् त्थ्ँ ज्न् प््रतिनिधि सबहक पूर्ण दायित्व होइत छन्हि, की त रेलसेवा फेर सा सञ्चालन कएल जाय या रेलसेवा बन्द कऽ वैकल्पिक मार्ग निर्माणमे ध्यान देथि । गणतन्त्रस्थापनाक महा अभियानमे एहि क्षेत्रक कम योगदान नहि रहल । राजनीति योगदान करऽबला बीर शहीदक पुण्यभूमि आई उपेक्षित अछि । आर्थिक योगदानमे सेहो रेलसेवा उल्लेखनिय काज बरबामे सहायक रहल अछि ।

दाता मित्र राष्ट््रक सरकार तथा जनप्रतिनिधिद्धारा रेलसेवा विस्तार आ सुव्यवस्थित करबामे उत्साहजनक आश्वासन सेहो भेटल,मूदा अखन धरि ई काज कियाक नहि सफल भऽरहल अछि ? भारतीय जनता, राजनीीत्क् द्यल्? स्म्ँीज्क् क्ँईकर्ता वेरवेर ई सवाल सदन सँ लकऽ सडक धरि उठा रहल अछि, भाषण एवं सार्वजनिक अभिव्यक्ति सेहो सँचार माध्यमसँ जानकारी भेट रहल अछि । तात्कालिन रेल मन्त्रि रामविलास पासवान, वर्तमान रेल मन्त्रि लालू प्रसाद यादवजेक अभिव्यक्ति सेहो सार्वजनिक भेल अछि कि जयनगर, जनकपुर, विजलपुरा होइत वर्दिबास धरि ब्रोडगेज रेलसेवा विस्तार कायल जाएत ।

भारतीय राजदूतावास सँ सेहो प्रस्ताव आएल कि जनकपुर विजलपुरा रेल्वेसेवा विस्तार कऽ काठमाण्डौ धरि महँुचाएल जाय तकरालेल नेपाल सरकारद्धारा प्रस्ताप पेश करओ आ ताहिमे भारत सरकार पूर्ण सहयोग करत । किछु साल पूर्व नेपाल भारत बीच रेलसेवा विस्तारक सन्दर्भमे बिना विष्कर्ष वार्ता भाग भेल एहि वार्ता सा पूर्वो एकटा वार्ता दिल्लीमे भेल छल । पहिल आ दोसर चरणक वार्तामे सहभागी सरकारक प्रधिनिधिक कथन अनुसार ई वैसार उपलब्धी मूलक रहल कुटनीतिक माध्यम सँ निष्कर्षमे पहँुचवाक मे दुनु पक्ष सहमत भेल ,मूदा आश्चर्यक बात जे एतेक वर्ष बित रहल अछि अखनधरिक ब्रोडगेजक बात छारिदी, सँचालित नेरो गेज लिंक आ ३ कडोर लागतक पूल निर्माण क कियाक नहि भऽरहल अछि ।

पंचायतकालमे सेहो जापान सरकार नेपाल रेलसेवाक विस्तार निर्माण प्रस्ताव रखने छलाह, हुनकर शर्त रहनि जे जापाने सरकारक रेखदेखमे ई काज हायत, मुदा कमिशनक कारणे ओ म्रस्ताव पतन भेल । एमाले सरकारक सभय तत्कालिन निर्माण तथा यातायात मन्त्रि भरत मोहन अधिकारी जनकपुर रेल्वे आ नेपालक विकाश विषयक गोष्ठीमे हुनकर अभिव्यक्ति छलन्हि, जे जनकपुरधाम सनक पवित्र स्थलक पर्यटकिय विकाशक लेल राष्ट््िरय सहमतिक आवश्यकता अछि । निकट भविष्यमे निर्माण तथा यातायात मन्त्रालयद्धारा जापान, भारत तथा प्रmान्स सरकार सपक्ष रेल्वेसेवाक आधुनिकीकरण एवं विस्तारकलेल लिखित प्रस्ताव पठायब जे प्रतिवद्धता जनौने छलाह ।

नेपाली काँग्रेसक मन्त्रिगणद्धारा वेरवेर निरीक्षण भेल ओ आशाजनक आश्वासन भेटैत रहल,मूदा समस्या अखनो यथावते अछि । अवस्था दयनिय अछि, पुरान भौतिक सँरचना, रेल्वे ट््रयाक,स्लीपर, इन्जनकोच तथा पूलसब जीर्ण अवस्थामे अछि । कर्मचारी व्यवस्थापन कमजोर रहलाक कारण रेल कम्पनीक आर्थिक अवस्था सेहो बहुत कमजोर अछि ।

हालहिमे नेपाल आ भारत सरकार बीच भेल सहमति अनुसार जयनगर सँ वर्दीबास धरि ७० किलोमिटर रेल्वेसेवा विस्तार करबालेल भारतक राइट्स नामक कम्पनि सन २००७ जुलाईमे सर्भे काज सम्पन्न कयलक अछि । तत्पश्चात भारतीय रेल सरकारक चीफ इन्जिनियर आ सहायक इज्निियर सबहक टोली पुन सर्वे काज सम्पन्न कयलक जे काजक पूर्णता देवऽमे कम सँ कम पाँच वर्ष लागत, मूदा प्रश्न अछि जे पाँच वर्षक अवधि धरि एहि क्षेत्रक अवस्था कि हायत ? यहि अवस्थाके ध्यानमे रखैत नेपाल सरकार तत्काल सँचालित लीक आ पूल निर्माण क रेल सँचालन मे आवओ ।

बहुत प्रयासकबाद अर्थमन्त्रि ११ कडोर रुपैया देवाक निर्णय कयलथि । यहि प्रयासमे यातायात मन्त्रिक पूर्ण सहयोग रहलन्हि, मूदा ११ कडोर रुपैया भऽ की रहल छैक ? ११ कडोर मध्ये ५ कडोर जनकपुरसँ पूर्व आ ६ कडोर जनकपुर सँ पश्चिम बिजलपुरा धरिक मर्मत निर्माणकलेल छुटियाओल गेल छल तथापि अखन धरि काज प्ररम्भक गँधधरि नहि आबिरहल अछि ।

यातायतक प्रणलीमे रेलसेवा एकटा एहन प्रणली प्रमाणित भेल अछि । जे जतेक लम्बा खूरी धरि विस्तार करय ततवे वेसी आरामदायी हायत आ सँगहि ओतवे आमदानी होयवाक निश्चित अछि । सामान ढुवानी, यात्री आवत जावतमे राजश्ववृद्धिक सँगहि रोजगारीक अवसर सेहो प्राप्तक साथसाथ आहि क्षेत्रक सर्वाङ्गीन विकासक पूर्वाधार सुनिश्चित रहत । रेल्वेसेवा त्रmमश रुपान्तरीत होइत संस्थानसँ कम्पनिमे परिणत भेल ई स्वायत्तता प्रप्त कम्पनिमे सात मन्त्रालयक शेयर अछि, मनोमानी ढँगसँ बिना मूल्याङ्कन कयल जायत त कैयक असबके सम्पति छैक । कम्पनि चाहे त अपने बलबूत्तापर रेलसेवा सँचालन कऽ सकैत अछि ।

एकटा सक्षम व्यवस्थापन, पारदर्शिताक आवश्यकता छैक । आशा राखी लोकतान्त्रिक सरकार एहि शुभकाजमे सहयोग करय, नहि त वोहि क्षेत्रक जनता आब हाथ पर हाथ धऽ बैसल नहि रहत आ देसर विकल्पक खोजीमे जुटत, जकर परिणाम सरकारमे सहभागी दल एवं सरकारके भोगहिटा परतैक ।

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