Saturday, April 18, 2009

दू गोट हाइकू

१. अ‍ैंठन छोडू २. निन्नसँ उठू
जौर बेंओत करु मिथिला कतऽ छल
घर खसत । पुछत लोक ।

मनोज झा मुक्ति

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