Thursday, April 29, 2010

सरकार संविधान आ मधेशवादी दल

मनोज झा मुक्ति
संविधान सभासँ नवका संविधान बनबाक लक्षणसभ देखवाक काज शुरु भऽगेल अछि । सभ समितिसब अपन अपन मस्यौदा संविधान सभामे बुझादेलक जे देरियोसँ सही साकारात्मक कदम अछि । मुदा सबसँ पैघ प्रश्न अछि जे संविधान त बनत, मुदा केहन बनत ? ताईपर सबहक नजरि टिकल अछि । किछु गोटे त संविधान कोन तरहक होएत ताइपर ठोकुआ करऽमे सेहो पाछा नई छथि ।
संविधान सभा चुनावमे सब दलसब जनताक भोंट अपना दिस आकर्षित करबाकलेल कोनो कसर बाँकि नई छोड़लक । जनताके जतेकधरि अपना दिस आकर्षित कएलक ताहि अनुरुप सीटो भेटलैक । संविधानमे जनताक हक अधिकार सुरक्षित करबाक नामपर भोंट लऽ कऽ आएल पार्टीक नेतासब नेपाली जनताके फेरसँ ठगवामे सफल रहल से अखन ओसभ प्रमाणित कऽरहल छथि ।
विषेश कऽ मधेशीक नामपर, मिथिला, भोजपुरा आ अवधक नामपर जनतासँ मत पाविकऽ संविधान सभामे पहुँचल नेता सब पैघ ठगक रुपमे राजनीतिक रंगमंचपर नृत्य करैत नजरि अवैत अछि । सबसँ पैघ मधेशवादी दलके रुपमे निर्वाचित भऽकऽ आएल मधेशी जनाधिकार फोरम नेपाल कुर्सीक चक्करमें अविते लागि गेल आ कुर्सीएकलेल पार्टी फुटि सेहोगेल । जहिया फोरम सरकारमे छल तहिया सरकारेमे रहिकऽ संघर्ष करबाक बात कहैत छल । सरकारमें रहियो कऽ एक्कौहु टा मधेश आ मधेशीकलेल काज नई कराबऽ सकल । जे मन्त्रालय अपनो भेटल रहैक ताहुमे सरकारक प्रमुख रहल एनेकपा माओवादी अपने पार्टीक भर्ती केन्द्रक रुपमे प्रयोग फोरमके केलक । ओना एक या दू टा राजनैतिक नियुक्ति अपना अपनैतके कराबऽमे फोरम सफले रहल, मुदा मधेश मुद्दा कुर्सीक तरमे जँतागेल । ताहि सरकारमे सदभावना पार्टी सेहो सहभागी रहल जे अपनाके मधेशक सबसँ पुरान पार्टी कहबामे सबसँ आगु रहैत अछि । सदभावना सेहो फोरमक छोट भ्राताक भूमिका नीक जकाँ निर्वाह कएलक । जखन फोरम आ सदभावना सरकारमें छल, तमलोपा लगायतक दल मधेशीक अधिकारलेल आन्दोलनक धौंस दैत आविरहल छल । ओना आन्दोलनक प्रयास सेहो कयलक ।
एकिकृत नेकपा माओवादीक सरकार हटलाकबाद एमालेक अगुआईमे बनल सरकारमे ‘नयाँ शीशीमे पुरना शराब’ जकाँ फोरमक सदैव मन्त्री बननिहारक समूह अपन पार्टी फोरिकऽ, तमलोपा आ सदैव सत्ताक प्रेमीक रुपमे जानल जाइत सदभावना सरकारमे शामील भेल ई कहैत जे मधेशीक अधिकार सुरक्षित करब । मुदा, अईबेरक सरकारमे त मधेशी जनताके पहिलुको बेरस पैघ झटका लागि रहल अछि । मधेशीक नामपर मधेशीके लुटबाक काजमे दिनानुदिन बढोत्तरीए भऽ रहल अछि । अई सरकारमे सहभागि मधेशवादी दलसब एमाले आ काँग्रेसक आगा दयनिय अवस्थामे नजरि आबि रहल अछि ।
एमाले या काँग्रेस अपना मन्त्रालय सबहक नियुक्ति सबमेंसँ एक्कौटा मधेशवादी दलके छुअ नई दऽ रहल अछि त मधेशवादी दल सबके भेटल मन्त्रालयमे एमाले आ काँग्रेस जबरदस्ती दादागिरी कऽ कऽ सीट लैत अछि । जौं ई कही जे ‘मधेशवादी दलके एहि सरकारमे नोकरक स्थान अछि’ त अन्यथा नई होयत । अखन सरकारमें सहभागि मधेशवादी दलसब सत्ता आ कुर्सीक खेलसँ बाहर नहि आबि सकल अछि त संविधानके बात सबहकलेल बन्द किताबक पन्ना जकाँ भऽगेल अछि । सरकारमे सहभागि मधेशवादी दल भितरमे सरकारी पाइ खएबामे मस्त अछि त सरकारसँ बाहर रहल मधेशी जनाधिकार फोरम नेपाल फेरसँ मधेशीक हक आ अधिकारकलेल कहैत आन्दोलन के घोषण कएलक अछि ।
तहिना सरकारसँ बाहर रहल नेपाल सदभावना पार्टीक सरिता गिरीके नजरिमें ‘मधेश आन्दोलन’ भेले नई छैक । ताएँ त ओ ‘मधेश आन्दोलन’ शब्द संविधानमे रहबाक चाही तकर विपक्षमें गेलीह आ हुनका सँग देलकनि नेपाली जनता दलक गायत्री साह ।
संविधान निर्माणके अन्तिम चरणमे सेहो मधेशवादी दलसब सत्ताकलेल ककरो सहयोग आ ककरो असयोगक खेलमे व्यस्त छथि । केओ ककरो पछुआ बनल अछि त केओ ककरो । एहन स्थितिमे कि आब फेरसँ मधेशी जनता हिनका सबके सोझा होयतनि.....?

No comments:

Post a Comment