Monday, August 9, 2010

मधेशवादी मोर्चा आ देशक राजनीति



–मनोज झा मुक्ति
देश अखन सरकार बिहीन अवस्थामें अड़कल अछि । प्रधानमन्त्रीकलेल अपन–अपन दावेदारी प्रस्तुत कएने नेपाली काँग्रेसक संसदीय दलक नेता रामचन्द्र पौडेल आ एकिकृत नेकपा माओवादीक अध्यक्ष पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचण्ड’ दू वेर हारि चुकल छथि । नैतिकता बिहीन राजनीति होवऽबला एहि देशमे दूनु हरलहवा नेता फेरसँ तेसरोबेर चुनावी अखाडामे उतरवाकलेल तैयार अछि ।
अखनधरि २२ दलक सहयोगसँ सरकार चलवैत आएल नेकपा एमाले अपना पार्टीएमे मानसिक मल्लयुद्धमे व्यस्त अछि आ ककरो समर्थन देवऽसँ वेसी अपने सरकारक नेतृत्व करबाक फिराकमे रहल अछि । त आन–आन छोट दलसब फेरसँ वेचाराक भूमिकामे नजर आबि रहल अछि । दोसरदिस २४० वर्षसँ शोषणक शिकार होइत आएल, देशक आधा जनसंख्या रहल मधेशी जनताद्वारा चुनाकऽ आएल मधेशवादी दल अखुनका सरकार बनयवाक खेलसँ पहिने अपने–अपने गीत आ अपने–अपने राग गवैत छल, मुदा अखन आविकऽ बुझाइय मधेशवादी दलसभके सदबुद्धि आबिगेल अछि आ सबहकलेल मधेशमुद्दा वास्तविकरुपमे पहिल प्राथमिकतामे पड़ल देखारहल अछि ।
मधेशवादी दल सबहक मधेशमुद्दापर एक होएव आम मधेशी समुदायमे फेरसँ आशाक किरणक संचार अछि । संविधानसभा चुनावक वादसँ बनल सरकारसबमे जएवाक मधेशवादी दलसबहक रवैयासँ आम मधेशी जनताक भावना एहि दलसबसँ लगभग–लगभग मृत्य जकाँ भऽगेल छल । मधेशवादी दल सबहक एकता एकप्रकारक आशाक लहर मधेशी समुदायमे लाएल अछि त दोसरदिस आम मधेशी जनता एहि एकताके मधेशमुद्दा वास्ते मजबूत बनैत देखऽ चाहिरहल अछि आ मधेशवादी दलसबहक विगतसँ सशंकित सेहो अछि ।
मधेशवादी दलसब अखन एकिकृत माओवादी आ नेपाली काँग्रेसक आगा समर्थन करवाक आधार–पत्र प्रस्तुत कएने अछि । मधेशवादी दलसबहक आधारपत्र विशुद्ध रुपसँ आम मधेशीक अन्तरात्माक भावना अछि । मधेशवादी मोर्चाक आधार–पत्रके विश्लेषण करबामें नेपाली संचार माध्यमसब फेरसँ अपन नैतिकता देखाबि रहल अछि जे ‘नेपालक संचार माध्यम आ संचारकर्मीक मनसाय अखनधरि कुत्सिते अछि, अर्थात नेपाली संचार आ संचारकर्मी अखनो पत्रकारिताक मूलमर्म नहिं सिखने अछि ।’ नेपाली संचारकर्मीसब मधेशवादी मोर्चाक आधारपत्रके शर्त, ब्ल्याकमेलिंग त आरो कि कि संज्ञासँ सुशोभित कऽ रहल अछि । पत्रकारिताक मर्यादा नईं बुझल जकाँ जथाभावीरुपसँ समाचार प्रकाशन÷प्रशारण ककऽ विकासशील नेपाली पत्रकारिताक खुलेआम धज्जी उडाओल जाऽरहल अछि । समाचार लिखवासँ पहिने पूर्ण जानकार होयब आवश्यक मानल जाइछ पत्रकारितामें, मुदा समाचारमें विरोधाभासपूर्ण शब्दक प्रयोग मधेशी मोर्चाप्रति करब कतेक उचीत अछि ?
सरकार बनयबाकलेल मधेशी मोर्चाद्वारा राखल गेल आधार–पत्रमें कोनो नयाँ विषयक समावेश नहिं कएलगेल अछि । सब पुरने विषय÷मुद्दा अछि जे संविधान सभाक चुनावसँ पहिने फागुन १६ गते वालुवाटारमे तात्कालीन प्रधानमन्त्री स्व.गिरीजा प्रसाद कोइराला, तात्कालिन एमाले प्रमुख एवं अखुनका कामचलाउ प्रधानमन्त्री माधवकुमार नेपाल आ तात्कालिन माओवादी रहल अखुनका एकिकृत नेकपा माओवादीक अध्यक्ष पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचण्ड’ आ संयुक्त लोकतान्त्रिक मधेशी मोर्चा बीचक भेल हस्ताक्षरीत सहमतिक विषयसब मात्र अछि जे एतेक दिनधरि पुरा नई कएलगेल । हँ, एकटा माँग मात्र नयाँ अछि साझेदारी वनबला, जे देशमे सामुदायिक वनके नामपर भऽरहल जंगल विनाश रोकवाकलेल अछि । कि नेपालक संचारमाध्यमसबके ओ फागुन १६क सम्झौता विसरागेल छैक ? जँ नहिं विसराएल छैक त हस्ताक्षरीत सहमतिके कार्यान्वयन करबालेल लिखऽमे नेपालक पत्रकारसबके मसी किया सुखा गेलैक ? मधेशी मोर्चाक आधारपत्रके अनर्गलरुपसँ प्रचार करबमे पत्रकारक सोंचमे बीझ किया लागि गेल छैक ? मुदा नेपालमें एहन बात सामान्य अछि । एतऽ पत्रकारिता कम आ विरोधाभाष विश्लेषण बेसी भेल करैत अछि । ओना पत्रकारिताक ज्ञान नहिं होएब सेहो एकर कारण अछि ।
आरो जे जेना हुए, मधेशी मोर्चा सेहो एतऽ गल्ती करऽ जारहल अछि । एक्कहिटा विषयपर कएवेर लिखित प्रतिवद्धता ? ककरा–ककरासँग प्रतिवद्धता ? जखनकि सबके बुझल अछि जे नेपालक नेता प्रधानमन्त्री या मन्त्री बनवाकलेल कोनो प्रतिवद्धता कऽ सकैया । प्रतिवद्धता या हस्ताक्षर ककऽ विसरि जाएब नेपाली राजनीतिकेँ पुरान आ चलन–चल्तीके दर्शन बनिगेल अछि । मधेशी मोर्चाके कोनो दलसँ या नेतासँ लिखित प्रतिवद्धतासँ वेसी ओकर कार्यान्वयनक प्रतिवद्धता लेवाक जरुरी अछि । मधेश सबदिनसँ अधिकारसँ बन्चित होइत आएल अछि । कहियो संविधानसभा चुनावक संभव करऽलेल सम्झौता करबालेल मधेशके बाध्य करलगेल त अखन नव सरकारक निर्माणकलेल ककरो समर्थन करबाक दवाव मधेशपर अछि । मुदा, सबदिन देश आ आन नेता एवं पार्टीकलेल सबकिछु करैत आएल मधेशके अपनालेल आब सबकिछु बिसरिकऽ सोंचहिटा पड़तैक ।
२४० वर्षसँ मधेशी, आदिवासी, दलित आ जनजातीसब ठकाइत आएल इतिहास अछि । देशमेभेल कोनो प्रजातन्त्रक आन्दोलनमें मधेशक जनता सबसँ पहिने बिगुल फुकने इतिहास अछि । मधेशमुक्तिकलेल मधेशी जनता कहियो राणाक विरोधमें त्रिभूवनके क्रियाशील करऽमे अपन जानक वाजी लगौलक त कहियो वि.पी. कोइरालाक आव्हानमे भेल प्रजातन्त्रक आन्दोलनमे अपन शहादत देलक । चाहे २०४६सालक आन्दोलन हुए या २०६२÷६३क जन आन्दोलन, सब लडाईमे मधेश खुला हृदयसँ अपन सर्वस्व लुटवैतगेल । मुदा बदलामे मधेशके भेटल अपमान आ अपहेलना । नेपाली राजनीतिके इतिहासमे मधेशीक हक,अधिकारके सबदिनसँ दबाओल गेल भेटैत अछि । एतेक दिनसँ मनमे दवाओल पीड़ा आखिर कण्ठसँ उपरभेल आ फलस्वरुप मधेश आन्दोलनमे बहुतो मधेशी सपुत अपन शहादत देलक । मधेश आन्दोलन–२क वाद लोकतान्त्रिक मधेशी मोर्चासँगे तात्कालिन प्रधानमन्त्री आ देशक पैघ दलक नेता सब लिखित सम्झौता कैलक आ देशमे संविधानसभाक चुनाव संभव भेल ।  संविधानसभाक चुनावमे मधेशी जनता विभिन्न मधेशवादी दल एवं गैर मधेशवादीदलमे अपन प्रतिनिधिके चुनिकऽ पठौलक । गैर मधेशवादीदल  मधेशक नामोधरि उच्चारण नहिं केलक त मधेशवादीदलसब सेहो अपना मुद्दासँ भटकैतगेल आ कुर्सीक खेलमें लागल रहल जकाँ प्रतीत होइतगेल, ओना बीच–बीचमें मोर्चाकसँग कएल सहमतिक वात उठबऽ नईं बिसरैत छल । अखन आबिकऽ सब मधेशवादीदलकेँ अपन मधेशी जनताकसँग कएल वादा बुझाइय याद आएल आ नयाँ सरकारक निर्माणमे अपन निर्णायक भूमिकाकेँ आम जनताक पक्षमे प्रयोग करबाक काजमे लागल अछि । कनो पार्टीके सरकार बनबऽमे सहयोग करबासँ बेसी राष्ट्रीय सहमतिक सरकारक निर्माणके बात जे मोर्चा उठौने अछि तकरा दृढता पूर्वक निर्वाह करब सँनकाज मोर्चाकलेल सँजिवनी भऽ सकत । तहिना जँ बहुमतिय सरकार देशमे बनैत अछि त मोर्चामें सहभागी मधेशीदल सबके सरकारमें मन्त्री बनवासँ परहेज करहिटा पडतैन । किया त मन्त्री बनलाकवाद अपन मुद्दा कतेक याद रहि जाइत छैक से मोर्चामे रहल सब दलके नीकजकाँ अनुभव छन्हि, सबकियो सरकारी घोडापर फेराफेरी सवारी कसि चुकल छथि ।
देखवाक ई अछि जे वास्तवमे मधेशवादीदलसब मोर्चा बनाविकऽ मधेशक माँगके पुरा कराओत, नयाँ संविधानक निर्माण कराओत या मात्र एकरा कुर्सीक भागवण्डामें सीमीत ककऽ राखिदेत ! आशाकरी मधेशी मोर्चाद्वारा मधेशी जनताक मोनमे जगाओल आशके मोर्चा विश्वासमें परिणत ककऽ छोडय ।

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