Tuesday, August 17, 2010

कुर्सीक खेलमे ढुलमुलाइत देशक संविधान !


मनोज झा मुक्ति
    देशमे चारिम वेर वएह दूटा पहलमान प्रधान मन्त्रीक लडाईएकलेल अखाड़ामे आई ठाढ़ हएत । प्रधानमन्त्री पदकलेल एक्कहिटा व्यक्ति तीनबेर हारिकऽ चारिम वेर प्रतिपस्र्धा कएनिहारमे संसारमे संभवतः पहिल व्यक्ति होएताह पुष्पकमल दलाह‘प्रचण्ड’जी आ रामचन्द्र पौडेलजी । आ ओहुना एहन अदभूत साहस एवं हिम्मत नेपालेक नेतामे देखाइ देत ।
    ए.माओवादी आ नेपाली काँग्रेस फाँड़ बान्हिकऽ भिडल अछि अपना÷अपना नेताके प्रधानमन्त्री बनएवाकलेल । चुनावी प्रतिस्पर्धासँ बहार भऽ सबके चीत्त कऽ अपने प्रधानमन्त्री बनवाक दाओमे बैसल एमाले, कहियो एम्हर आ कहियो ओम्हर ढुलमुलाइत आन÷आन पार्टीसब सबकेसब अपने दाओमें अछि । तहिना संयुक्त लोकतान्त्रिक मधेशी मोर्चा सेहो अपने दाओमें गबदी मारने बैसल अछि ।
    एहिसँ पहिने तीनुबेर भेल चुनावमे मधेशी मोर्चा तथस्टरुपमे सदनमे प्रस्तुत भेल । तहिना एमाले आ किछु आर पार्टीसब सेहो अपन तथस्टता देखौलक । मुदा सबसँ बेसी चर्चामे अछि मधेशी मोर्चा । अखनधरि प्रधानमन्त्री नईं बनऽमे सबसँ वेसी केओ दोषी मानल जाऽरहल अछि त ओ अछि–मधेशी मोर्चा । मोर्चापर नाना प्रकारक आक्षेप लागि रहल अछि । केओ कहैत अछि जे देशके मोर्चा अनिर्णयके बन्दी बना देने अछि , त केओ कहैत अछि जे मोर्चा ककरो इशारापर ई खेल खेलि रहल अछि । तहिना....आन बहुत तरहक आरोपसँ सूचनाक बजार गर्म अछि ।
    मधेश आन्दोलनक वादसँ नेपालक इतिहास जौं देखी त नेपालक सरकार बहुतोवेर मधेशकसँग मौखिक आ लिखित सहमति जनौने अछि, मुदा कार्यान्वयन कतेक भेल से सबहक सोझामें अछि । ओना एहिमे मधेशक दलसब सेहो दोषी छथि जे कुर्सीक लोभमे मधेश मुद्दाके कात कऽ दैत रहैत छथि । नेपालक सरकार मोर्चेसँगे नहि–आदिवासी जनजाती, दलित, महिला, कर्णाली, अपाँग ...आर बहुतोक सँग मौखिक या लिखीत सम्झौता कऽ चुकल अछि आ विसरिगेल अछि ।
    जौं अखन नेपाली काँग्रेसक बात सुनव त, काँग्रेसक कहब अछि जे २२ दलक मोर्चा एकताबद्ध रहवाक चाही, जेना काँग्रेस एमालेके प्रधानमन्त्री बनवऽमे सहयोग केने छल तहिना एमालेके सेहो सहयोग करबाक चाही । देशमे लोकतान्त्रिक सरकारक निर्माणक बात कसिकऽ काँग्रेसद्वारा उठाओल जाऽरहल अछि ।
    एमालेक अध्यक्ष झलनाथ खनाल अपने दाओमे व्यस्त छथि । कोनो तरहे प्रधानमन्त्रीक कुर्सीपर बैसिकऽ अपन जीवन सफल बनएवाक प्रयासमें ओ देशमे राष्ट्रिय सहमतिके सरकारक गप्प करैतछथि । ‘मान न मान, मैं तेरा मेहमान’ बला कहवीके जीवन्तता दैत सब दलकेँ ओ राष्ट्रिय सहमतिके सरकार बनयवाक सलाह दैत छथि ।
    एम्हर गल्तिसँ प्रधानमन्त्रीसँ राजिनामा देआगेल ए.माओवादी अध्यक्ष प्रचण्ड अपने नेतृत्वमे राष्ट्रिय सहमतिक सरकार निर्माणकलेल आ नईं त बहुमतीयोरुपमे प्रधानमन्त्री बनवाकलेल दिन–राति एक कऽदेने छथि । अपना अतिरिक्त हूनका अपना पार्टीक कोनो नेतापर भरोसा नहि छनि । प्रधानमन्त्री बनवाकलेल ओ किछु करबाकलेल तैयार नजरि अवैत छथि ।
    तहिना, चारिटा मधेशवादी दल मिलिकऽ बनल संयुक्त लोकतान्त्रिक मधेशी मोर्चा सेहो एहि खेलमे अपनासँगे कएलगेल सम्झौतापर फेरसँ प्रतिवद्धता करएवाक जागाड़में लागल अछि । ओना राष्ट्रिय सहमतिक सरकारपर अपन दावा सेहो मोनेमोन मोर्चा कएने बातक हवा सेहो बुद्धिजीविक बजारमें चलैत अछि ।
    जहन सब पार्टी अपना–अपना दाओमे लागल अछि, तहन कोनो एक्कहिटा पार्टी या व्यक्तिके सम्पूर्ण दोष देव कतेक उचीत अछि ?
    कहल जाइत छैक,‘राजनीतिक, प्रेम आ द्वन्द्व अर्थात लडाईमे सबकिछु जाएछ छै’ । अपन समर्थन करबाकलेल– पहिने ककरो प्रेमसँ, तकरावाद लोभसँ, तकरावाद धम्कीसँ आ तत्पश्चात लाञ्छना लगाविकऽ अपना दिस लाएव बला सब चलि अखनधरि मधेशी मोर्चालग विफल भऽरल देखि नेपालक पैघ पार्टीसबके तिलमिलाएब स्वभाविक छैक ।
    अपना आपके मधेशक हितैषी कहऽवला एवं सबदिन मधेश मतपर सरकारक गाडीके ड्रइवर बनल नेपाली काँग्रेस जहन मधेश प्रदेश आ नेपाली सेनामे मधेशीके सामूहिक प्रवेशके मुद्दा सामने एलै त किए पाछा हटलैक ? अहिना, अपना कार्यकर्ताके सुनियोजितरुपसँ प्रयोग ककऽ मधेश आन्दोलनक विरोध करौनिहार एवं अपनाके मधेशीके असली हितैषी कहऽबला एमाले किया मधेशी मोर्चाक माँगपर मौन वैसि अपने दाओमे बैसल अछि ? तहिना, मधेश मुद्दामें अखनधरि अपना आपके सबसँ आगा रहल नारा दैत ए. नेकपा माओवादी किए सेनामे सामुहिक प्रवेश आ स्वायत्त मधेश प्रदेशक माँगपर पुनर्विचारके बात करऽ लागल ?
    जहन काँग्रेस, एमाले, ए.माओवादी अपनाके मधशी जनताके सबसँ पैघ हितैषी कहवामे गर्व करैत अछि, सब पार्टीमें मधेशी मूलक नेताकेराखि अपन मधेश भक्ति दर्शयवाक जहन ढोंग नहि त, मधेशक जायज माँगपर किए पुनर्विचारक गप्प ? कि जौं नेपाली सेनामें मधशीक सामूहिक प्रवेश होएतैक तहन मात्र तमलोपा, फोरम, फोरम लोकतान्त्रिक आ सद्भावने पार्टीक कार्यकर्ता नेपाली सेनामे जयतै ? आकि सब मधेशीक बच्चाकलेल रस्ता खुजतै ? जौं मधेशी मोर्चाक माँग गलत छई, तहन अपना–अपना पार्टीमें मधेशीक पद आरक्षित करवाक नाटक किएक ?
    एम्हर मधेशी मोर्चा सेहो कखनो एक रहैत अछि त कहियो घटक दलक कोनो नेताक व्यक्तिगत या पार्टीगत स्वार्थमें परिकऽ निष्कृय भऽ जाइत अछि । कहियो मोर्चाक कोनो घटक एसगरे ककरो सरकारमे जाकऽ मन्त्रीमण्डलके कुर्सीपर विराजमान भऽ जाइत अछि त कहियो कोनो दोसर घटक । आशाकरी जे एहिबेरुका पुनर्जिवीत मधेशी मोर्चा कोनो एकटा घटक दलक स्वार्थक शिकार नहि बनय ।
    देश, अखन नव संविधान लिखवाक क्रममे अछि आ सब दल अपने–अपने बाजा बजावऽमे मस्त । जौं वास्तविक अर्थमे दलक नेतासब नेपाली जनताकलेल÷नेपाल देशकलेल राजनीति करैत छथि त नेपालक हरेक कोनामे रहल जनताक भावनाके बुझहिटा पडतैनि । हरेक नेपालीक समस्याके अपन समस्या मानहिंटा पड़तैनि । तहने देश विकास एवं समृद्धि सड़कपर यात्रा कऽ सकैय । सबसँ पहिने जरुरी अछि देशमे आम जनताक भावनाके समेटिकऽ बनल नव संविधानक निर्माण आ तकरालेल जरुरी अछि देशमे राष्ट्रिय सहमतिक सरकार, मुदा प्रधानमन्त्रीक कुर्सीक खेलमे निर्माणधिन संविधानक बात अखन गौण अछि । देश आ जनताकलेल राजनीति कहियासँ शुरु होएत....भगवाने जानथि ।

No comments:

Post a Comment