Sunday, July 5, 2009

कि मधेशक अपेक्षाके पुरा करत ई सरकार ?





मनोज झा मुक्ति

देशमें एकिकृत माओवादीक सरकार हटलाकबाद लोकतान्त्रिक सरकाररुपमें माधव नेपालक अगुवाईमें सरकार निर्माणक प्रकृया शनै : शनै : आगा बढि रहल अछि । ओना सरकार निर्माणक प्रकृया शुरु भेला सेहो महिनासँ उपरे भऽगेल अछि आ दूइयो महिनाक बाद पुरा होएत से कठीने बुझाऽरहल अछि ।
सरकार निर्माणक त्रmममें बहुतो सहयोगी पार्टीसबमें मन्त्री बनवाकलेल अपनेमें दरार पड़िगेल अछि । किछु पार्टी त फुटिएगेल आ किछु फुटक किछेर पर पहुँचगेल अछि । एक्कहिटा पार्टीमें नहिं प्रायः सब पार्टीमें असन्तुष्टि उत्पन्न भऽगेल अछि । आओर जे जेना हुए, जाहि रुपे ‘सीताक श्रापल’ देशकेरुपमें नेपालके लेल जाइत छैक ताहि अनुरुप कोनो आश्चर्यक गप्प नहिं, जाइ तरहक एतुक्का परिवेश छैक, नेतासबहक विवेक छैक, ताहि अवस्थामे ई स्वाभाविके ।

नेपालमें सबसँ बेसी उपेक्षाक शिकार रहल मधेशक आकाँक्षा फेर एकवेर एहि लोकतान्त्रिक सरकारसँ तेजोबद्ध होवऽलागल अछि । आ ई स्वभाविके अछि, कियक त एहि सरकारमें अपनाके ‘मधेशीक पहिचान, सम्मान आ स्वाभिमान’क लेल लड़ऽवला पार्टी कहनिहार ‘तराई मधेश लोकतान्त्रिक पार्टी’ सेहो सहभागि अछि । ओना मधेशे मुद्दासँ अस्तित्वमे आएल मधेशी जनाधिकार फोरम आ मधेशीक बात कऽ कऽ एखनधरि टिकल सद्भावना पार्टी एहीस पहिलुका सरकारमें संलग्न छल । आ हूनकर सबहक मधेशप्रतिक बोली आ काजक मधेशी जनता समीक्षा कऽ चुकल अछि ।
ताइकेबाद अखन पहिलुका सरकारमें सहभागि नईभेल ‘सत्ता नहीं, प्रभुसत्ता चाहिए’के नारा दैत आविरहल तमलोपा, सरकारमें गेल अछि ते मधेशी जनतासब सरकार दिस होइ नई होइ, तमलोपा दिस टकटक्की लगौने अछि जे मधेशके ‘प्रभुसत्ता’क लेल पार्टी कि करत ? मधेशीवादी दलसबहक काज एवं रवैया देखिकऽ एक तरहें मधेशी जनता पहिनहिंसँ निराश भऽ कऽ बैसल अछि, तइयो क्षणिक काललेल मधेशक आशाक दृष्टि सरकारमें सहभागि तमलोपा दिस लागल अछि । मधेशक क्षणिक आशाक दृष्टिकेँ तमलोपा आ ओकर मन्त्रीसब कतेकधरि तृप्ति प्रदान कऽसकत से तमलोपाकलेल बहुत पैघ चुनौती रहल अछि आ याह एखुनका काज तमलोपाक भविष्य निर्धारण करत ।

तमलोपाक अँशमें तीनटा मन्त्रालयसब भेटल अछि, शिक्षा, उद्योग आ यूवा तथा खेलकुद । आन आन पार्टीक नजरिमें एहि मन्त्रालय सबकेँ महत्व भलेहिँ कम हुए, मुदा तमलोपाक लेल ई बहुत पैघ अवसर भऽ सकैय । ‘नीक अभिनेताक पुरस्कार पएवाकलेल नाटकमें नायकके भूमिका भेटय से कोनो जरुरी नई छैक, नाटकक एक सिनमें मात्र भूमिका रहल पात्र सेहो अपना अभिनयक बलपर उत्कृष्ट अभिनेताक रुपमे पुरस्कृत भऽ सकैय’, एहि बातके तमलोपाके मूलमन्त्रके रुममें लेब पड़तैक । एहि तरहक संस्कारी नेता रहल देशक जम्बो सरकारमें कतेक काज भऽ सकैय, ताइसँ मधेशी जनता अज्ञान नहिं अछि । तमलोपाके कि करब उचीत भऽ सकैय त ?

तमलोपाक भेटल शिक्षा मन्त्रालय मार्फतसँ मधेशमें विश्वविद्यालय, व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रतिष्ठान, विश्वविद्यालय सबहक प्रत्येक तहमे समावेशीकरणक बातके लागु केनाई, शिक्षा नीतिमे सुधार कऽ असल शिक्षा प्रणाली लागु करबाक चुनौती रहल अछि । मधेशकलेल शिक्षा मन्त्रालय अन्तर्गत रहल सिटीभिटी, अनौपचारिक शिक्षा केन्द्र सबसँ नीकजकाँ काज काएल जाऽसकैय । तहिना उद्योग मन्त्रालयक मादे सिमेन्ट फैक्ट«ी सबकेँ गुणस्तर बढेबाक, मधेशमे नयाँ नयाँ उद्योगक स्थापना आ देशमें बन्द रहल उद्योगके पुनः संचालन करब मुख्य चुनौती पूर्ण काज रहल अछि ।

एहि तरहें सब पार्टी आ सरकारक उपेक्षाक सिकार बनल रहल यूवा तथा खेलकूद मन्त्रालयक मादे तमलोपा अपन आ मधेशक काया पलट करऽ सकैय । मधेशक यूवाके परिचालन कऽ देशमें खेलकूदक माहौलके श्रृजना करबाक बहुत पैघ अवसर तमलोपाक हाथमें आएल अछि । मधेश लगाएत देशक विभिन्न ठाममें ग्राउण्डक निर्माण, खेलाडी आ प्रशिक्षकके प्रोत्साहन करैत खेलक माध्यमसँ देशके आगा बढेबाक काज तमलोपा कऽ सकैय । ताइके लेल सबसँ पहिने सब मन्त्रालयमें रहल राजनीति नियुक्तिबला सीटके जते जल्दी हुए खाली कराबिकऽ अपन आ ठोस आदमीके राखबाक पहिल काज करऽ पड़तैनि । फेर अपन आदमी रखबाक नामपर जकरे मोनभेल तकरे राखऽ (कार्यकर्ता भर्ती केन्द्र बनाबऽ)सँ परहेज करैत सम्बन्धित क्षेत्रक विज्ञतापर सेहो ध्यान देवऽ पड़तैनि

सरुवा, बढुवा आ नियुक्ति देवऽसँ बेसी महत्व मधेशक सार्वजनिक काजके देबाक नीतिके आगु लाबऽ पड़तनि । जौं अपन आ नीकलोकके नई राखि मात्र डाक बढाबढ करैत पाइएक बले जथाभावी नियुक्त करैत गेल त तकर परिणाम सेहो भोगवाकलेल तमलोपाके तैयार रहऽ पड़तैनि ।

एहि सरकारमें सहभागिताक तुरत्त बादसँ तमलोपा मधेशक जनताक गिन्तीक मीटरपर चढिगेल अछि । आब देखबाक मात्र ई अछि कि अपन नाम अनुसार जतबे कऽसकी से काज करैत अपन सकारात्मक काजसँ तमलोपा अपन स्थान बनवऽमे सफल रहत या अखनधरिके मधेशकलेल देलगेल भाषण मात्र भाषणे छल से सिद्ध करत ? मधेशक आश बनल रहत या विकल्पक खोजिमें मधेशक आँखि फेरसँ पसरत !

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