मनोज झा मुक्ति
शैक्षिक वर्षक अन्त होमऽ लागल अछि, किछु दिनकवाद दशम कक्षाक टेष्ट परीक्षा सेहो हएत । आन आन विषयक विद्यार्थीक कोर्स अन्तो होमऽलागल अछि, मुदा हिलसि कऽ अथवा ककरो दबावसँ मैथिली विषय लेनिहार विद्यार्थी अखनो धरि पुस्तक केन्द्रक दुवारिपर हाजरी दैत बरोबरि भेटत । कारण जे दशम कक्षाक विधार्थी अखनो धरि नहि देखने अछि— दश किलासक मैथिली पोथी ।
धनुषा जिल्लाक लगभग एक दर्जन आ महोत्तरी जिल्लाक पर्सा पतैली लगायतक स्कूलमे मैथिली विषयक पढाई होइत अछि, मुदा विधार्थी आ शिक्षक दुनुगोटे मैथिलीक पुस्तक अखनधरि नई भेटलाकवाद फिरसान अछि । साझा प्रकाशनद्वारा प्रकाशित पुस्तक, जनक शिक्षा सामग्री केन्द्रद्वारा विधार्थीकलेल उपलब्ध कराओल जाइत अछि । जनकपुरधाम स्थित विद्यापति चौकपर रहल ‘विद्या पुस्तक केन्द्र’क विक्रेता कलानन्द झा कहलनि, ‘साझा प्रकाशनकेँ वेरवेर तगेदा कएलाकवादो मैथिलीक पुस्तक उपलब्ध नहि कराओल गेल’ ।
दुखक गप्प त ई अछि जे ताहिकालमे मैथिली विषयक पाठ्य पुस्तकक आभाव देखल गेल अछि, जाहिकालमे साझा प्रकाशनक अध्यक्ष छथि— मैथिलीक पैघ साहित्यकार/पत्रकार/कवि/फोरमक नेता/बहुतरास मैथिली संघ—संस्थाक अगुवा व्यक्तित्व श्री राम भरोस कापड़ि ‘भ्रमर’ । अपनाके मैथिलीक योद्धा आ साझा प्रकाशनक पहिल मैथिल/मधेशी चेयरमैन कहबामे गर्व कएनिहार कापड़िके पदपर पहुँचलाक वादो मैथिली पोथी नहि भेटव सर्वत्र आलोचनाक विषय बनल अछि ।
मैथिली विषयक पुस्तकक अभाव हएव, मैथिली भाषा आन्दोलनक व्यापकतामें सऽभसँ पैघ रोकावटकरुपमें देखाऽरहल अछि । मैथिलीक पाठ्य पुस्तकक सहज उपलब्धता जाधरि नई हएत ताधरि विद्यालयक शिक्षामें मैथिलीक पढाई मात्र भाषण धरि सीमित रहत । गणतन्त्र प्राप्तिकबाद मैथिलीकेा भजा कऽ भलेहिं कतेको मैथिल वरिष्ठ पदपर चलिगेल होथि, मुदा धरातलिय यथार्थ इएह अछि जे मैथिली काल्हियो पाछा छल आ एखनो सिसैकते अछि ।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment