Thursday, April 29, 2010
मिथिला महोत्सव आ एकर उपलब्धि
–मनोज झा मुक्ति
जगत जननी माता जानकी अर्थात माँ मैथिलीक जन्मस्थल, प्राचीन विदेह राज्यक राजधानी आ अखुनक परिवेशमे प्रस्तावित मिथिला राज्यक प्रमुख नगरी जनकपुरमें अखन ‘मिथिला महोत्सव’क तैयारी धुमधामसँ भऽ रहल अछि । जनकपुरके यथासंभव चिक्कन–चुनमुन देखयवाकलेल युद्ध स्तरपर काज कयल जाऽरहल अछि । ओना एहि तरहें जनकपुरकेँ सजएवाक काज ई पहिलके खेप नहिं भऽरहल अछि, एहिसँ पहिनहुँ बहुतोवेर जनकपुरके सजाओल गेल छल । कहियो मिथिला महोत्सवक नामपर त कहियो कोनो राजनीतिक पार्टीक महाधिवेशन, सम्मेलन आ कहियो विवाह–पञ्चमी त कहियो आन–आन प्रयोजनक नामपर ।
मिथिलाक संस्कृति केहन अछि, एतुक्का वातावरण केहन अछि, बाहरसँ आओल पाहुन सबके सैह देखएवाक लेल नाना प्रकारक तामझाम कएल जाइत अछि । जनकपुर संसारक सबठामक हिन्दूक लेल आस्थाक केन्द्रके रुपमे रहल अछि । जे कियो रामायण पढने या सुनने छथि, हुनका जीवनमें जनकपुर जाएव सम्भवतः एकटा प्रवल मनोभावना बढि जाइत छन्हि । ताँए बहुत दुर–दुरसँ लोक जनकपुर देखवाकलेल अवैत छथि । ईच्छा होइतो जे देशी÷विदेशी कहियो जनकपुर नहि आएल रहैत छथि, हुनका सबके एहि तरहक सम्मेलन÷महोत्सव अएवाकलेल नीक अवसर जुरवैत अछि ।
सम्मेलन÷महोत्सवक दिनक अलावा आनदिन सेहो जनकपुरमे प्रायः भिडभाड रहिते अछि, तथापि विषेश अवसरमें अनदिनासँ तेब्बर–चौबर लोकक भिडभाड़ लागि जाइत अछि । एहि तरहक विषेश प्रयोजनकलेल जखन जनकपुरके सजाओल जाइए, तहन ई सोंचवाकलेल विवश होमय पड़ैए जे विषेश प्रयोजन बाहेक जनकपुरक कोनहुँ महत्व नहिं ? जौं आनदिन सेहो जनकपुरक महत्व हमसब बुझितहुँ त जनकपुरके ई दुर्दशा किया रहैत ? सामान्य दिनमे दूर्गन्धित आ अव्यवस्थित शहरक नमूना लगैत जनकपुरमें विषेश दिन या महोत्सवमें मात्र डेन्ट–पेन्ट कऽ कऽ हमसब कि देखबऽ चाहैत छी ?
कोनहुँ पार्टीक महाधिवेशन या सम्मेलन जनकपुरमें होइत अछि त ओहि पार्टीक नेता आ कार्यकर्ता जनकपुरके जीजानसँ लागिकऽ सजवैत अछि । विवाहपञ्चमी या परिक्रमा सन धार्मिक प्रयोजनकलेल गुठी संस्थानक माध्यमसँ आ निजी स्तरसँ मठ–मन्दिरसब खर्च कऽ जनकपुरके सजाओल करैत अछि । तहिना मिथिला महोत्सव सन सन काजकलेल वृहत्तर जनकपुर क्षेत्र विकास परिषद अपन साधन–श्रोतसब परिचालन कऽकऽ जनकपुरके सजएवामे कोनो कसर बाँकि नहि रखैत अछि । आ ई अवस्था अर्थात जनकपुरके सजएवाक काज प्रत्येक ६ मास÷एक वर्षपर होइते रहैत अछि, जाहिमें लगभग सऽभ मिलाकऽ करोड़ो रुपैया खर्च भऽ जाइत अछि । आ फेर–फेर हमसब एहि खर्चके निरन्तरता देवामे अपनाके गर्वान्वित महशुश करैत छी । मात्र आ मात्र क्षणिक प्रशंसाकलेल जनकपुरके सजएबाक काज हमसब कहिया धरि करैत रहब ? सम्मेलन÷महोत्सवक बाद जनकपुरके किया ओ सम्मेलन÷महोत्सवक आयोजक सबके जनकपुर बिसरा जाइत छन्हि ?
जनकपुरक विकासकलेल दीर्घ योजना नहि बनऽमें कोन कारण अछि ? बेर–बेर जनकपुरेक सजाबऽमे जे खर्च कएल जाइत अछि से ठोसरुपसँ एकैबेर किया नहि करबाक सोंच किनकोमे अवैत अछि ? कोनो विषेश प्रयोजमे नीक आ सामान्य दिनमें अशान्त, अव्यवस्थित आ दूर्गन्धित रहऽवला जनकपुरके, सऽभ दिनलेल किया नहिं नीक आ आकर्षक÷मनमोहक बनाओल जाऽ सकैया ?
सम्मेलन÷महोत्सवक वाहेक जनकपुरक विकासके ध्यान नहिं देवाक कारण बहुतो भऽ सकैय । राजनीतिक पार्टीक नेता सबहक गैर जिम्मेवारीपन, स्थानियवासीक जनकपुरक विकासमे अभिरुचि नहिं लेब, राज्यद्वारा जनकपुरके उपेक्षाक सिकार बनाएब, सार्वजनिक सम्पतिके व्यक्तिगत प्रयोजनमे नेता, मठाधिश सबद्वारा प्रयोग करबाक प्रवृति । एहिके अतिरिक्त जनकपुरक विकास नहिं होएबामे एकटा प्रमुख कारण अछि– एक्कहिटा काजक नामपर फेर–फेर खएबाक मनोवृति । किछुलोक एहनो छथि जिनकर सोंच रहैत छन्हि जे काज जौं एक्कहि वेरमे नीक भऽगेल त फेरसँ ओही नामपर पाई नहि निकालल जा सकैय, ताँए काज एहन कमजोर हुए जे फेरफेर करबाक मौका अवैत रहय । किछु काज जनकपुरमे एहनो देखलगेल जे दोसर प्रमुख जौं कऽदेने अछि त ओकरा फेरसँ तोरबाओलगेल आ पुनःनिर्माणक नामपर बजेटके उड़यबाक काज सेहो भेल । सबसँ प्रमुख बात ई अछि जे हमसब जनकपुरक विकासके नामपर कमाए चाहैत छी, कि वास्तविकरुपमे जनकपुरके विकास करऽ चाहैत छी ? ताइमे प्रष्ट होमय पड़त ।
मिथिला महोत्सव मनाएब बहुत नीक बात अछि, मुदा ई निर्भर करैत अछि एकरा आयोजन करबाक मनसाय पर । जौं वास्तविक रुपमे मिथिलाक संस्कृति, मैथिली भाषाक विकासक लेल एहि तरहक आयोजन होइत अछि त स्वागत योग्य आ प्रशंसनिय काज अछि । आ जौं अपना पार्टीक नेताके चाकड़ी करबाकलेल, एकर नामपर बजेट खएवाकलेल आ मात्र सुरखुरु बनवाक मनसायसँ महोत्सवक आयोजन कएल जाइत अछि त मिथिला एवं जनकपुरकलेल ओहिसँ पैघ दुर्भाग्य किछु नहि होएत । ‘चार दिनकी चान्दनी फिर अँधेरी रात’ जे हिन्दीक कहवी अछि सैह जनकपुरके नियति बनल अछि । जनकपुरके एहिसँ उठएवाक दायित्व कि एहि तरहक सम्मेलन÷महोत्सवक आयोजककेँ नहिं ? जनकपुर, मिथिला आ मधेशक राजनीतिकके प्रमुख केन्द्रक रुपमे रहल अछि । जनकपुर मिथिला, मधेश, नेपाल आ सम्पूर्ण हिन्दू सबहक परिचायक अछि । जौं जनकपुरके सबदिनलेल स्वच्छ आ व्यवस्थित हमसब राखऽसकहुँ त जनकपुरके परिचय करेबाकलेल सम्मेलन आ महोत्सव अएनाइ या मनेनाई जरुरी नहि रहि जायत । मात्र सम्मेलन आ महोत्सवमे जनकपुरके सजाएव अखन कौआके बकुला बनाएब जकाँ हाँस्यास्पद काज मात्र प्रतीत होइत अछि । किया त अनदिना अर्थात सम्मेलन आ महोत्सवक बाहेकदिनक जनकपुरक हमरा सबके वास्तविक परिचय दैत अछि ।
कहियाधरि जनकपुर नीक बनवाकलेल सम्मेलन आ महोत्सवेके बाट जोहैत रहत ? हमसब सोंचव की ?
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